ठंड से कांपता हुआ, कंबल में दुबका मैं। लाचार वसंत पर, जोर से चिल्लाया। ठंड से कांपता हुआ, कंबल में दुबका मैं। लाचार वसंत पर, जोर से चिल्लाया।
लेकिन आसमान में कोई पंछी नही हैं साथी जो थे प्यारे बहुत से हम से बिछुड़ गए। लेकिन आसमान में कोई पंछी नही हैं साथी जो थे प्यारे बहुत से हम से बिछुड़ गए।
कुछ तो कहना है तुमसे क्या कहूँ क्या छिपाऊं याद करूँ मैं तुमको या फिर से भूल जाऊँ। कुछ तो कहना है तुमसे क्या कहूँ क्या छिपाऊं याद करूँ मैं तुमको या फिर से...
अब उसमें ही तुम्हारा अक्स में देख लिया करूँगी।। देख देख कर उसको ही ये नीरस जीवन जी लिय अब उसमें ही तुम्हारा अक्स में देख लिया करूँगी।। देख देख कर उसको ही ये नीरस जी...
पर अग़र मैं कहूँ, मैं वही जानती हूँ जो मैं मानना चाहती हूँ मैं तुम्हें पाना चाहती हूँ पर अग़र मैं कहूँ, मैं वही जानती हूँ जो मैं मानना चाहती हूँ मैं तुम्हें पाना...
बेवफ़ा बेवफ़ा